ICMR के शोध में बताया गया- भारतीयों में कोरोना के लक्षण विदेशियों से अलग हैं
सेहतराग टीम
देश में पहला शोध किया जिसमें भारतीयों में कोरोना के लक्षण का पता लगाया गया। इसमें पाया गया कि उत्तर भारत के कोरोना संक्रमित मरीजों में सांस और बुखार की परेशानी काफी कम है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) ने अपने इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च में बताया है कि कोरोना संक्रमित केवल 17 फीसद लोगों में बुखार और 5.6 फीसद में सांस की परेशानी पाई गई है।
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इस वैज्ञानिकों ने कहा कि दुसरे देशों में कोरोना वायरस के लक्षणों में बुखार प्रमुख लक्षण पाया गया। अब इस अध्ययन में पता चला है कि सिर्फ 17.4 फीसद भारतीय मरीजों को ही संक्रमण के दौरान बुखार था।
144 मरीजों पर शोध
वैज्ञानिकों ने 144 मरीजों पर शोध किया, जो उत्तर भारत के अलग-अलग शहरों से थे। भारत के विपरीत चीन में 44 प्रतिशत संक्रमित मरीजों में जांच के दौरान बुखार पाया गया, जबकि अस्पताल में उपचार के दौरान 88 प्रतिशत मरीजों को बुखार रहता था। दूसरे देशों में भी कोरोना पीडि़त मरीजों में बुखार एक प्रमुख लक्षण रहा है।
सिम्प्टोमेटिक मरीजों में श्वसन संबंधी समस्याएं, गले में खराश और खांसी जैसे कोरोना के लक्षण देखे गए। इन मरीजों में से 44 प्रतिशत एसिम्प्टोमेटिक थे। इनमें अस्पताल में भर्ती होने से उपचार तक कभी बुखार नहीं देखा गया। इस आधार पर शोधकर्ताओं का आकलन है कि शुरू में भी कोरोना वायरस साइलेंट स्प्रेडर की तरह बिना लक्षण के लोगों को संक्रमित कर रहा था। शोधकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला है कि चूंकि बहुत कम पॉजिटिव मरीजों को बुखार था। इस हिसाब से मरीजों की जांच और उपचार के दौरान दूसरे लक्षणों पर भी ध्यान देना चाहिए।
शोधकर्ताओं ने पाया कि इन मरीजों को संक्रमण ऐसे राज्यों की यात्रा के दौरान हुआ, जो वायरस प्रभावित थे। कई मरीजों को भीड़भाड़ वाले इलाकों, एयरपोर्ट और अन्य सार्वजनिक स्थानों में किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से संक्रमण हुआ। इनमें एक हेल्थ वर्कर और एक प्रशासनिक अधिकारी भी थे, जो काम के दौरान संक्रमित हो गए।
उत्तर भारतीयों पर शोध के नतीजे
लक्षण प्रतिशत
बिना लक्षण 44.4
लक्षण 55.6
बुखार 17.4
नाक बंद 21.5
गले में खराश 21.5
कफ 34.7
बलगम 3.5
सांस लेने में परेशानी 5.6
थकान 1.4
मांसपेशियों में दर्द 3.5
डायरिया 2.8
मिचली या उल्टी 2.1
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